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इस राज्य सरकार ने होली के अवसर पर गन्ना किसानों के खाते में भेजे 2 लाख करोड़

इस राज्य सरकार ने होली के अवसर पर गन्ना किसानों के खाते में भेजे 2 लाख करोड़

मुख्यमंत्री ने बताया है, कि भारत में नया रिकॉर्ड स्थापित होने जा रहा है। पहली बार दो लाख करोड़ से ज्यादा का गन्ना भुगतान किसानों भाइयों के बैंक खातों में हस्तांतरित हो रहा है। भारत के विभिन्न राज्य ऐसे भी हैं, जिनका सालाना बजट भी दो लाख करोड़ नहीं है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सोमवार को यह दावा किया गया है, कि योगी सरकार द्वारा गन्ना किसानों को दलालों की चपेट से निजात प्रदान की है। विगत छह सालों के उनके शासन में प्रदेश में एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है। मुख्यमंत्री ने होली से पूर्व गन्ना किसानों के बैंक खाते में शेष भाव के दो लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जाने के मोके पर कहा, कि पिछली सरकारों में किसान आत्महत्या को मजबूर रहता था। आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि बीते छह सालों में उत्तर प्रदेश में कोई भी किसान भाई आत्महत्या करने पर मजबूर नहीं हुआ है। यह इसलिए संभव हो पाया है, कि हमारी सरकार में किसानों भाइयों के गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। समयानुसार धान एवं गेहूं की खरीद की है। योगी जी ने कहा है, कि याद कीजिए एक वक्त वो था जब राज्य के गन्ना किसान खेतों में ही अपनी फसल को जलाने के लिए मजबूर थे। उन्हें सिंचाई हेतु न तो वक्त से जल प्राप्त होता था और ना ही बिजली मुहैय्या कराई जाती थी। इतना ही नहीं समुचित समयानुसार किसानों की बकाया धनराशि का भुगतान भी नहीं हो पाता था। इसी कड़ी में योगी ने आगे बताया कि आज का दिन गन्ना किसानों के लिए ऐतिहासिक होने वाला है, जब होली की पूर्व संध्या पर सोमवार को दो लाख करोड़ की धनराशि उनके बैंक खातों में सीधे तौर पर हस्तांतरित करदी है। सरकार के इस ऐतिहासिक कदम से प्रदेश के गन्ना किसानों की होली की खुशी को दोगुना कर दिया जाएगा।

दलालों की दलाली की बंद

योगी जी ने कहा है, कि विगत समय पर जल, खाद एवं उत्पादन का सही भाव न मिलने की वजह से खेती-किसानी नुकसान का सौदा मानी जाती थी। हमने गन्ना किसानों को दलालों के दलदल से मुक्ति दिलाई है। आजकल किसान भाइयों को खरीद पर्ची हेतु इधर-उधर चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं। उनकी पर्ची उनके स्मार्टफोन में पहुँच जाती है। मुख्यमंत्री ने बताया, कि आज किसानों के नाम पर शोषण एवं दलाली करने वालों की दुकान बंद हो गई हैं। ऐसी स्थिति में मानी सी बात है, कि उन्हें समस्या रहेगी।

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कोरोना महामारी के समय में भी 119 चीनी मिलें चालू हो रही थीं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का कहना है, कि विगत सरकारों के कार्यकाल में जहां चीनी मिलें बंद कर दी जाती थी। अन्यथा उचित गैर उचित भावों में बेच दी जाती थीं। जबकि, योगी सरकार द्वारा किसी चीनी मिल को बंद नहीं किया गया। साथ ही, बंद पड़े चीनी मिलों को पुनः आरंभ कराने का काम किया गया है। उन्होंने बताया कि, मुंडेरवा एवं पिपराइच चीनी मिलों को पुनः सुचारु किया गया है। कोरोना महामारी के चलते जब विश्व की चीनी मिलें बंद हो गई थीं। उस दौर में भी उत्तर प्रदेश में 119 चीनी मिलें चालू हो रही थीं।
इस राज्य सरकार ने गन्ना उत्पादक किसानों का बकाया भुगतान करने के लिए जारी किए 450 करोड़

इस राज्य सरकार ने गन्ना उत्पादक किसानों का बकाया भुगतान करने के लिए जारी किए 450 करोड़

गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए यह धनराशि सहकारी चीनी मिलों पर कर्ज के तौर पर पहले से लंबित थी। इसलिए गन्ना उत्पादक किसान लंबे समय से बकाया धनराशि का भुगतान किए जाने की लगातार मांग कर रहे थे। उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादक किसानों लिए एक अच्छा समाचार है। शीघ्र ही राज्य के हजारों गन्ना उत्पादक कृषकों के खाते में बकाया राशि पहुंचने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा गन्ना बकाया का भुगतान करने का आदेश दे दिया है। विशेष बात यह है, कि इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 450 करोड़ रुपये की राशि जारी भी कर दी गई है। साथ ही, इस खबर से किसानों के मध्य प्रशन्नता की लहर है। किसानों का यह कहना है, कि फिलहाल वह बकाया धनराशि के पैसे से वक्त पर खरीफ फसलों की खेती बेहतर ढ़ंग से कर पाऐंगे।

किसानों ने ली चैन की साँस

मीडिया खबरों के अनुसार, गन्ना किसानों के बकाया भुगतान हेतु यह राशि सहकारी चीनी मिलों पर कर्ज के तौर पर पहले से लंबित थी। ऐसी स्थिति में गन्ना उत्पादक किसान लंबे वक्त से बकाया धनराशि का भुगतान किए जाने की मांग कर रहे थे। अब ऐसी स्थिति में धान की बुवाई आरंभ होने से पूर्व सरकार के इस निर्णय से किसान भाइयों ने राहत भरी सांस ली है।

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गन्ने की खेती काफी बड़े पैमाने पर की जाती है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि संपूर्ण भारत में सर्वाधिक गन्ने का उत्पादन उत्तर प्रदेश में किया जाता है। फसल सीजन 2022-23 में 28.53 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई। साथ ही, यूपी के उपरांत गन्ना उत्पादन के संबंध में महाराष्ट्र द्वितीय स्थान पर है। यहां पर गन्ने का क्षेत्रफल 14.9 लाख हेक्टेयर है। ऐसी स्थिति में हम कहा जा सकता है, कि उत्तर प्रदेश अकेले 46 प्रतिशत क्षेत्रफल में गन्ने की खेती करता है। उधर महाराष्ट्र की देश के कुल गन्ने के क्षेत्रफल में 24 फीसद भागीदारी है। हालांकि, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार और हरियाणा में भी किसान बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती करते हैं।

गन्ना उत्पादक किसानों को कितने करोड़ का भुगतान किया जा चुका है

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कहना है, कि प्रदेश में सरकार बनने के बाद से अभी तक वह गन्ना उत्पादक किसानों को 2 लाख 11 हजार 350 करोड़ का भुगतान कर चुकी है। इससे 46 लाख गन्ना किसानों के खाते में भुगतान राशि भेजी जा चुकी है। सरकार का यह भी दावा है, कि वह देश में गन्ना किसानों का भुगतान करने में सबसे अग्रणीय है। बतादें, कि यूपी में पेराई सत्र 2022-23 के समय कृषकों से 350 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ना खरीदा गया है। उधर सामान्य किस्म के गन्ने का भाव 340 रुपये और क्वालिटी प्रभावित गन्ने का भाव 335 रुपये प्रति क्विंटल रहा है।
खरपतवार गन्ने की फसल को काफी प्रभावित कर सकता है

खरपतवार गन्ने की फसल को काफी प्रभावित कर सकता है

गन्ने की बिजाई से पूर्व खरपतवार नियंत्रण को अवश्य ध्यान में रखें। गन्ने की फसल में यदि समय से खरपतवार नियंत्रण किया जाए तो उत्पादन में कमी देखने को मिलती है। उत्पादन 10 से 30 फीसद तक घट सकता है। ऐसे में जानते हैं की खरपतवार पर नियंत्रण कैसे रखें।  भारत में इन दिनों शरदकालीन गन्ने की बिजाई चल रही है। ऐसे वक्त में खरपतवार नियंत्रण भी बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि, खरपतवार की वजह से गन्ने की फसल को काफी हानि हो सकती है, जो उपज में भी गिरावट ला सकता है। अब ऐसी स्थिति में बिजाई से पूर्व वक्त रहते इस पर काबू कर लेना चाहिए। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया है, कि किसानों को नियमित तौर पर खरपतवार नियंत्रण करना चाहिए। जिससे कि उनकी फसल का पूर्ण विकास संभव हो सके। उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के प्रसार अधिकारी डॉक्टर संजीव पाठक का कहना है, कि देश के विभिन्न राज्यों में इन दिनों गन्ने की बिजाई चल रही है। किसान भाई बिजाई से पूर्व खरपतवार नियंत्रण को अवश्य ध्यान में रखें। उन्होंने कहा है, कि गन्ने में चौड़ी एवं सकरी पत्ती के लगभग 45 तरीके के खरपतवार पाए जाते हैं।

इस तरह गन्ने की उपज काफी घटती है 

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि जिन खेतों में ट्रेंच विधि से गन्ने की बिजाई की जाती है। वहां बीच में काफी जगह होने के चलते खरपतवार तीव्रता से बढ़ती है। गन्ने की फसल में यदि वक्त से खरपतवार नियंत्रण किया जाए, तो गन्ने की पैदावार में कमी देखने को मिल सकती है। बतादें, कि उत्पादन 10 से 30 फीसद तक घट सकता है। क्योंकि खरपतवार गन्ने की फसल के साथ-साथ बढ़ते हैं। इस वजह से समय रहते खरपतवार पर काबू करें, जिससे कि आपकी फसल को हानि ना पहुंचे। 

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खरपतवार पर इस तरह काबू करें

डॉ. संजीव पाठक ने कहा है, कि गन्ने की बिजाई के प्रारंभिक तीन माह में खरपतवार नियंत्रण बेहद जरूरी है। खरपतवार नियंत्रण के लिए दो विधियों का उपयोग किया जा सकता है। प्रथम विधि जिसमें रासायनिक तरीके से खरपतवार नाशक दवाओं का छिड़काव कर खरपतवारों को खत्म किया जा सकता है। वहीं, दूसरी विधि यांत्रिक विधि है, जिसमें निराई गुड़ाई करके खरपतवार समाप्त किये जा सकते हैं। निराई-गुड़ाई करने से मृदा में वायु का प्रवाह होता है, जिससे गन्ने की जड़ों का शानदार विकास होता है। बतादें, कि जब जड़ें पूर्ण रूप से विकसित होगी तो मिट्टी में उपस्थित पोषक तत्वों, किसानों द्वारा दिए गए उर्वरक एवं सिंचाई के जल को पौधे शानदार तरीके से ग्रहण करेंगे, जिससे बढ़वार एवं विकास भी अच्छा होगा। अब ऐसे में किसानों को काफी अच्छी उपज मिलेगी। साथ ही, फसल में उगे हुए खरपतवार भी समाप्त हो जाएंगे।

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किसान भाई दवा का छिड़काव इस तरह से करें 

यदि किसी विशेष परिस्थितियों में रासायनिक विधि का उपयोग करना पड़े तो चौड़ी पत्ती एवं सकरी पत्ती वाले खरपतवार की रोकथाम करने के लिए एक साथ 500 ग्राम मेट्रिब्यूजीन 70 प्रतिशत (Metribuzin 70% WP) और 2 4 डी 58 प्रतिशत ढाई लीटर प्रति हेक्टेयर के अनुरूप 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर उसका छिड़काव कर दें। इस दौरान सावधानी रखें, कि दवा का छिड़काव गन्ने की दो लाइनों के मध्य की जगह पर खरपतवार पर ही करें। यह प्रयास करें, कि गन्ने के पौधों पर दवा ना गिर पाए। गन्ने के पौधों पर दवा का छिड़काव होने से पौधों की बढ़वार काफी प्रभावित हो सकती है।
खुशखबरी: पंजाब सरकार ने गन्ना का भाव 391 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ाया

खुशखबरी: पंजाब सरकार ने गन्ना का भाव 391 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ाया

वर्तमान में गन्ने की खेती करने वाले कृषकों को पहले से ज्यादा भाव मिलेंगे। पंजाब भारत भर में गन्ने का सर्वाधिक मूल्य देने वाला राज्य है। पंजाब सरकार ने किसानों के फायदे में एक बड़ा निर्णय लिया है। राज्य सरकार की तरफ से गन्ना कृषकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने गन्ने की कीमत में इजाफा करने का ऐलान कर दिया है। वर्तमान में राज्य के गन्ना कृषकों को 391 रुपये प्रति क्विंटल के अनुरूप रुपये दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त अब पंजाब भारत में सर्वाधिक गन्ने की कीमत देने वाला राज्य भी बन गया है। पंजाब के पश्चात हरियाणा बाकी राज्यों का नाम आता है।  गन्ने का भाव देने में प्रथम स्थान पर पंजाब है तो दूसरे स्थान पर हरियाणा है। हरियाणा में कृषकों को गन्ने का भाव 386 रुपये प्रति क्विंटल दिया जाता है। यूपी और उत्तराखंड के कृषकों को 350 रुपये का भाव दिया जाता है। 

किसानों को इतने रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा फायदा  

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि राज्य के किसान विगत कई दिनों से सरकार से गन्ने की कीमतों को बढ़ाने की मांग कर रहे थे। राज्य में गन्ने की प्रति क्विंटल कीमत 380 रुपये थी, जो वर्तमानं में बढ़ाकर के 391 रुपये प्रति क्विंटल कर ड़ाली है। किसान भाइयो को इस निर्णय के पश्चात फिलहाल 11 रुपये प्रति क्विंटल का फायदा मिलेगा। पंजाब सरकार ने ये निर्णय राज्य के किसानों की मांग पर किया है। 

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कृषकों के लिए फायदेमंद फैसला साबित होगा 

गन्ना किसान बहुत दिनों से सरकार से गन्ने के भाव को बढ़ाने की मांग जाहिर कर रहे थे। सरकार ने कृषकों की मांग को पूर्ण करते हुए यह निर्णय लिया हैजिसको लेकर कृषकों ने बीते दिनों धरना भी दिया था। इसके पश्चात कृषकों के प्रतिनिधियों से पंजाब के मुख्यमंत्री ने वार्तालाप की और उन्हें मूल्य वृद्धि हेतु आश्वस्त भी किया था। इसके साथ-साथ कृषकों की मांग कीमतें 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की थी। रिपोर्ट्स की मानें तो पंजाब सरकार के इस निर्णय के उपरांत गन्ना किसानों को लाभ मिलेगा। बतादें, कि इस निर्णय से कृषकों की आमदनी में इजाफा होने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति भी काफी सुधरेगी। 
इस राज्य में बढ़ेगी गन्ने की कीमत, गन्ना किसानों को मिलेगा लाभ

इस राज्य में बढ़ेगी गन्ने की कीमत, गन्ना किसानों को मिलेगा लाभ

योगी सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश के कृषकों को शीघ्र ही सरकार की तरफ से तोहफा दिया जा सकता है। राज्य सरकार की तरफ से आने वाले दिनों में गन्ने के भाव को बढ़ाया जा सकता है। कृषकों के हित को मन्देनजर रखते हुए शीघ्र ही यूपी सरकार गन्ने की कीमतों को लेकर ऐलान कर सकती है। इस फैसले के लागू होने के पश्चात किसान भाइयों को गन्ने का मूल्य काफी अधिक मिलेगा।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार की तरफ से गन्ने की कीमतों में आगामी कुछ ही दिनों में 15 रुपये से लेकर 25 रुपये तक का इजाफा किया जा सकता है। साथ ही, राज्य के गन्ना मंत्री ने भी बातों-बातों में इस तरह के संकेत दिए हैं। हालांकि, कितने रुपये की बढ़ोतरी की जाऐगी। इस बात की फिलहाल कोई पुष्टि नहीं हुई है।

गन्ना किसान लगातार मूल्य वृद्धि की मांग कर रहे हैं

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि कृषकों की तरफ से गन्ने की SAP को बढ़ाए जाने की निरंतर मांग की जा रही है। हालांकि, राज्य में बीते वर्षों में इसकी कीमत में इजाफा हुआ था। उत्तर प्रदेश में अंतिम बार वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले गन्ना मूल्य बढ़ाकर 350 और 360 रुपये प्रति कुंतल घोषित किया गया था। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य निर्धारण संस्तुति समिति की बैठक में गन्ना कृषकों ने उत्पादन लागत बढ़ने की वजह से मूल्य वृद्धि की मांग की है।

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गन्ना का मूल्य जल्द से जल्द घोषित किया जाऐगा

वहीं, चीनी मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बहुत सारी समस्याओं को उठाते हुए कीमतों को यथावत रखने की मांग की है। मुख्य सचिव ने सब कुछ सुनने के पश्चात कहा कि गन्ना मूल्य यथाशीघ्र घोषित किया जाऐगा। संबंधित प्रस्ताव को शीघ्र ही कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए रखा जाऐगा। सरकार से रालोद और सपा निरंतर गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। बहुत सारी खबरों के मुताबिक, सरकार चीनी मिलों को भी राहत प्रदान कर सकती है। सरकार गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की वजह से पड़ने वाले खर्च को कम करने के लिए मिलों को परिवहन भाड़े में एक से दो रुपये की सहूलियत प्रदान कर सकती है।